ललित कुमार द्वारा लिखित, 26 अगस्त 2012
आज सागर का दिल बेचैन है
उसके सीने पर तैरती
बेढब कारोबारी नौकाओं और
प्यार की हर सुंदर कश्ती की
साँसे… अटक गई हैं
आज सागर का दिल बेचैन है
आज न जाने क्या होगा!
अपार का विस्तार जैसे
ख़ुद में ही सिमट गया है
सब कुछ, कितना ख़ामोश
कितना चुप-सा हो गया है
आज न जाने क्या होगा!
हवाओं की हरहराहट ने
लहरों के घोर गर्जन ने
अचानक पनाह ले ली है
डरा देने वाले सन्नाटे में
आज न जाने क्या होगा!
हर कश्ती, हर मछली, हर शहर
जवाँ होने को तैयार हर लहर
हर थमी हुई, भुला दी गई साँस
दुगनी गति से धड़कता हर दिल
बस यही सोच रहा है
आज न जाने क्या होगा!
चुप्पी साधे, हाथों को बाँधे
सिर झुकाए खड़ी कायनात को
एक सहमी-सी आशंका है
इस ख़ामोशी के गर्भ से
ऐसे तूफ़ान के आने की
जिसके बाद कुछ नहीं रहेगा
क्या सागर आख़िरकार
अपना ज़ब्त खो देगा?
अपनी सीमाएँ तोड़ देगा?
हाँ, शायद तोड़ ही देगा
आख़िर ज़ब्त की भी तो
एक सीमा होती ही है
पर शायद ऐसा न भी हो
क्योंकि सागर ने ख़ुद ही तो
अपने को सीमाबद्ध किया है
वरना भला प्रकृति में कौन है
जो अपार को बाँध ले?
आज सागर का दिल बेचैन है
आज न जाने क्या होगा…
कयास सभी लगा रहे हैं
और सब यह भी जानते हैं
कि कुछ नहीं होने वाला
उसका ये नया दुख भी
असीम गहराइयों में दफ़्न हो जाएगा
इस बार भी सागर
एक गहरी साँस लेकर रह जाएगा
देखो, सागर कभी रोता नहीं
वो दर्द-बयानी नहीं करता
दुख में घुटेगा पर सीमाबद्ध रहेगा
यही तो उसका तुमसे वायदा है
उसका वायदा कभी टूटता नहीं
उसका धीरज कभी छूटता नहीं
वो सागर है
सागर कभी डूबता नहीं
A great write up!
I dont wat to say anything about pakistan as this country always been a shelter for terrorism and everybody knows it but it is america who wants to control everything for its own benefits (and it is obviously not for the american people or against terrorism).there are some people who say that the attack on twin towers was planned by america itself.Even in this ‘kill osama’ mission …is there any possibility that pakistan was not aware of osama’s presence or about america’s mission in their country…for me it does not make sense…
It was great to know your views on it, please write something on ‘terrorism after osama’ and its effects on India if you will find time …..thanks for a great article.
सागर सी भावनाएं सुन्दरता से बंध गयीं अभिव्यक्ति में…!
Khoobsurat!!
sagar ke dil me jwalamukhi bhi hai, bahut sare tapu uskia praman hai
aapne 1 choti si kavita me sagar ki gahrayi naap di hai …waah ,,,,,,,,,,